नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज/ नीरज कुमार जोशी

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प्रदेशभर में हुई वनाग्नि की घटनाओं का असर हवा में दिखने लगा है। उत्तराखण्ड में वायु प्रदुषण सामान्य से पांच गुना बढ़ गया है। यह इतना अधिक है कि इसे साफ होने में 3 दिन से सप्ताह भर का समय लग सकता है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान यानि एरीज के वरिष्ठ वायुमंडल वैज्ञानिक डा. नरेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वनाग्नि का वायुमंडल में बुरा असर पड़ रहा है। इस बीच प्रदुषण यानि पीएम 2.5 की मात्रा सामान्य से बढ़कर 140 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है। जो सामान्य से करीब 5 गुना अधिक है। उत्तराखण्ड में सामान्यत: इसकी मात्रा 25—30 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहती है। डा. सिंह ने बताया कि फिलहाल आज इसमें थोड़ा कमी देखी जा रही है लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान पर हैं। डा. सिंह ने बताया कि जंगलों के जलने से वायुमंडल में कार्बन मोनोआक्साइड की मात्रा में खासी वृद्धि हुई है। हवा में घुलने के चलते इसे वायुमंडल से हटने में दो माह से अधिक का समय लग सकता है। वहीं ब्लैक कार्बन यानि पीएम 2.5 में अधिकता के चलते छाये घुंए को छटने में कम से कम 3 दिन से एक सप्ताह का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी हवाओं की सक्रियता से आसमान में बादल तो हैं लेकिन इनसे बारिश की अभी फिलहाल संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
