नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज नव संवत्सर 2078 मंगलवार यानि आज से शुरु हो रहा है। मंगलवार से प्रारंभ होने का अर्थ है कि माता
पंचांग
कल है पापमोचनी एकादशी, युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से व देवर्षि नारद ने सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी से सुनी थी इस व्रत की महिमा
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज कल यानि बुधवार 7 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी व्रत है। पुराणों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है।
भगवान विष्णु समुद्र में शेष शैया छोड़ बैकुण्ठ धाम में विराजमान होते हैं, हरिबोधनी एकादशी का धार्मिक महत्वः पं घनश्याम कांडपाल शास्त्री( पूर्व प्रधानाचार्य)
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आज है शारदीय नवरात्र का पहला दिन, अनन्य भाव से की गई भक्ति से प्रसन्न होती है आदि शक्ति मां जगदम्बा— आचार्य घनानंद कांडपाल, पूर्व प्रधानाचार्य
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज 17 अक्तूबर 1 गते कार्तिक मास से नवरात्रि का शुभागमन आ गया है। दिनांक 24 अगस्त को अष्टमी व नवमी
2 सितम्बर से शुरु हो रहे हैं सोलह श्राद्ध, सुख समृद्धि के लिए पितरों का मिलता है आर्शीवाद। आचार्य घनानंद कांडपाल, पूर्व प्रधानाचार्य
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज( धर्म—कर्म ) 2 सितंबर यानि कल 18 गते भाद्र बुधवार से सोलह श्राद्ध शुरु हो रहे हैं। भारतीय परंपरा में
सामवेदी उपाकर्म हरताली का विशेष महत्व, गौरी—शंकर की पूजा का विधान आचार्य पं. घनानंद शास्त्री( पूर्व प्रधानाचार्य)
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज भाद्रमास में सामवेदी उपाकर्म हरताली का विशेष महत्व है। इस दिन सामवेदी नई जनेऊ धारण करते हैं जबकि गौरी-शंकर की
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत मनोवांछित फलदायक है, 11 व 12 अगस्त को होगी बालरूप कृष्ण की पूजा आचार्य घनानंद शास्त्री ( पूर्व प्रधानाचार्य)
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज गोवर्धन धरं वन्दे, गोपालं गोप रुपिणम, गोकुलोत्स्वमीशानं, गोविन्द गोपिका प्रियमभगवान श्रीकृष्ण जन्म दिन जन्माष्टी श्रावण मास के प्रमुख पर्व है।
संकष्ष्ट व्रत में विध्नहर्ता भगवान गणेश की विशेष पूजा का है विधान, शुक्रवार को आ रहा है व्रत – आचार्य पं. घनानंद कांडपाल( पूर्व प्रधानाचार्य)
नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज भगवान गणेश को विध्नहर्ता व संकटहर्ता कहा जाता है। देवताओं में प्रथम पूज्य होने से प्रत्येक पूजा अनुष्ठान की शुरुआत
धर्म—कर्मः रक्षाबंधन के साथ ही उपाकर्म अनुष्ठान का विशेष महत्व है आचार्य घनानंद कांडपाल पूर्व प्रधानाचार्य
लाइव उत्तरांचल न्यूज। आचार्य घनानंद कांडपाल पूर्व प्रधानाचार्य श्रावण मास में रक्षाबंधन के साथ ही उपाकर्म (जन्योपुन्यो) का विशेष महत्व है। इस बार
हरेला पर्व पर विशेष:- कर्क संक्रांति में होता है हरेला, सावन महीने के पहले गते को होती है यह संक्रांति -आचार्य घनानंद कांडपाल
लाइव उत्तरांचल न्यूज। आचार्य घनानंद कांडपाल (पूर्व प्रधानाचार्य) वर्ष में बारह महीनों में 12 संक्रान्ति होती हैं। जिसमें चार संक्रान्ति महत्वपूर्ण हैं। विषवत् संक्रान्ति