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नैनीताल। लाइव उत्तरांचल न्यूज
उत्तराखंड हाइकोर्ट ने वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में बही आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि को पुनः स्थापित करने को लेकर राज्य सरकार को राहत दे दी है। मामले में दायर जनहित याचिका में गुरूवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने इस कार्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को एक साल का समय दे दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिकर्ता इस आदेश का पालन नहीं होने पर फिर से अदालत में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की संयुक्त खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
दिल्ली निवासी अजय गौतम ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। इसमेें कहा था कि वर्ष 2013 में आई आपदा के समय केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि बह गई थी। इसके पुनर्निर्माण को लेकर उनकी ओर से दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने पहले आदेश दिए थे।
10 अक्तूबर 2018 को दिए आदेश में सरकार को एक वर्ष में समाधि को पुन: स्थापित करने के आदेश दिया था लेकिन सरकार यह कार्य पूरा नहीं कर सकी है। इसको लेकर एक बार फिर से अवमानना याचिका दायर की गई। इधर पिछली सुनवाई में अदालत ने सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सरकार से पूछा क्यों ना इस मामले में अवमानना की कार्यवाही की जाए ? कोर्ट ने सरकार को कारण बताओ नोटिस देकर दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
इधर सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक शपथपत्र पेश किया गया। इसमें कहा गया कि शंकराचार्य की समाधि को बनाने कार्य प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत है और कोरोना समय होने के कारण यह प्रोजेक्ट समय पर नहीं बन पाया। इसके लिए फिलहाल एक वर्ष का समय दिया जाय। कोर्ट ने सरकार के इस मत से सहमत होकर एक वर्ष का समय दिया।